"सचिन वालिया की हत्या में ठाकुरों ने तो बस बंदूक का ट्रीगर दबाया, निशाना तो सरकार ने लगाया था, जिसके दम पर ठाकुर कूद रहें हैं।"
पिछले साल भी महाराणा प्रताप की जयंती पर ठाकुरों ने दंगे किये थे, शब्बीरपुर से शुरू हुआ मौत का खेल अभी रुका कहाँ हैं क्योंकि इस आग को हवा तो सरकार दे रही है। पिछले साल भी जातीय दम्भ से उपजी घृणा ने पूरे सहारनपुर में कत्लेआम मचाया था। पुलिस-प्रशासन ने ठाकुरों को पूरी छूट दी थी कि वो जो चाहें करें 3-4 घण्टे जमकर मार-काट मचाए हम कुछ नहीं कहेंगे। उन्होंने वही किया नतीज़न भयंकर दंगे हुए जिसमें जान-माल का हर नुकसान दलितों का हुआ था। उल्टा चन्द्रशेखर रावण पर रासुका लगाकर उसे जेल में डाल दिया गया। सहारनपुर दंगों में......एक भी ठाकुर को कुछ नहीं हुआ क्योंकि सिस्टम ठाकुरों के साथ था।
कल भी महाराणा प्रताप भवन पर 800 पुलिस वाले तैनात थे फिर भी पुलिस की नाक के नीचे भरे बाजार में सचिन वालिया को ठाकुरों ने पीछे से गोली मारी। और पुलिस कह रही है कि गोली मारने वाले को किसी ने नहीं देखा। इन्हें गोली मारने वाला मिलेगा भी नहीं, और अगर मिल गया तो इसे ये प्रॉपर्टी विवाद या पर्सनल दुश्मनी बता देंगे। जाँच पूरी हो जाएगी और न्याय तो सचिन के साथ ही धू-धू करके जल जाएगा।
इसके बाद हापुड़ से शुरू हुई आरएसएस की सामाजिक समरसता और सद्भावना यात्रा सहारनपुर भी पहुँचेगी किसी दलित के यहाँ बाहर से खाना मंगा कर खाएंगे, टूरिज़्म करेंगे। आपस में मिलजुलकर योगी-मोदी-शाह जैसे गिद्धों को दलित मित्र पुरस्कार या दलित रत्न जैसे पुरस्कार दे दिये जायेंगे। भारत माता की जय होगी। झूठे आरोप लगाकर भीम आर्मी से कुछ औऱ युवाओं को उठाकर जेल में बंद कर दिया जाएगा। ये सब सामने से होगा और पीछे से सचिन भाई के बाद फिर किसी दलित का नम्बर होगा। भीम आर्मी से जुड़े लोगों , जागरूक दलितों-बहुजनों पर अगला निशाना लगाया जाएगा।
ये सबकुछ इतनी आसानी और आराम से इसलिए हो जाएगा क्योंकि संसद, प्रशासन, पुलिस, मीडिया सब जगह सवर्ण दलालों के ही कब्ज़ा है। सचिन की मौत किसी ठाकुर की गोली से नहीं बल्कि सवर्ण/ब्राह्मणवादी सरकार द्वारा प्रायोजित है।
सचिन भाई तुम उन अनगिनत बहुजन योद्धाओं में से एक हो, जिनकी वजह से हम जी रहे हैं.....क्रांतिकारी जयभीम के साथ अलविदा भाई।
#SachinWalia
#BahujanWarrior